सतर्क हो जाएं, डेंगू के फैलने के लिए बेहतरीन कंडीशन तैयार है

सतर्क हो जाएं, डेंगू के फैलने के लिए बेहतरीन कंडीशन तैयार है

सेहतराग टीम

बारिश का मौसम आते ही दिल्‍ली समेत देश के कई हिस्‍सों में लोगों के बीच डेंगू को लेकर डर का एक माहौल बनना शुरू हो जाता है क्‍योंकि बारिश के साथ अलग-अलग जगहों पर होने वाला जम भराव मच्‍छरों के पनपने के लिए आदर्श स्थिति बनाता है और इसलिए डेंगू का फैलाव तेज गति से होता है। हर वर्ष इन महीनों में डेंगू का फैलाव पिछले कुछ सालों का स्‍थापित नियम बन गया है। किसी वर्ष डेंगू का फैलाव कम तो किसी साल महामारी जैसा होता है। कितना अच्‍छा हो यदि पहले से यह पता चल जाए कि किसी खास वर्ष में डेंगू का फैलाव कैसा रहने वाला है।

डेंगू के फैलने से पहले पता चलेगा

ये विचार अब सच हो रहा है। दरअसल कैरेबियन द्वीप बारबाडोस में शोधकर्ताओं के एक दल ने ऐसा चेतावनी सिस्‍टम बनाया है जिसके तहत प्राधिकारियों को पहले से यह पता चल जाएगा कि डेंगू का कैसा प्रसार होने वाला है। दरअसल किसी इलाके में लंबे सूखे के बाद लगातार 4 से 5 महीने तक अच्‍छी बारिश होने से डेंगू के फैलने के लिए सबसे अनुकूल मौसम बन जाता है।

दरअसल सूखे के मौसम में अधिकांश लोग अपने पानी के कंटेनरों को घरों से बाहर निकाल देते हैं। बारिश के मौसम में इन ये कंटेनर पानी स्‍टोर करने के काम आते हैं। ऐसे में ताजे पानी से भरे ये कंटेनर डेंगू के मच्‍छरों के पनपने के लिए आदर्श जगह बन जाते हैं।

क्‍या कहते हैं चिकित्‍सक

इस बारे में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल कहते हैं कि पानी की कमी के दौर में लोग बड़े बड़े कंटेनरों में पानी स्‍टोर करके रखते हैं जो कि मच्‍छरों के पनपने के लिए सबसे अच्‍छी जगह होते हैं। ये तो सबको पता है कि डेंगू के मच्‍छर ठहरे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि बारबाडोस की स्थिति भारत में भी बनती है क्‍योंकि यहां भी कई इलाके सूखा प्रभावित हैं और यहां भी अभी बारिश का दौर शुरू हुआ है जो कि लंबा चलने वाला है।

यहां भी बारिश के पानी को जमा करने का चलन है और हमारे घरों के बरामदों, छतों आदि पर गमलों, टायरों, पुराने ड्रम, बर्तनों का यूं ही पड़ा रहना आम बात है जिसके कारण यहां भी डेंगू के एडीस समेत अन्‍य मच्‍छरों के पनपने की आदर्श स्थिति बन गई है। डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि भारत में रोग की रोकथाम के लिए उतनी सख्‍ती से कदम नहीं उठाए जा रहे हैं जितनी जरूरत है। वह कहते हैं कि डेंगू से गंभीर रूप से प्रभावित देश होने के कारण हमारे देश के लोगों को भी यह जानने की जरूरत है कि उन्‍हें घर के आसपास क्‍या क्‍या बेकार चीज इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।

दिवाली ही नहीं मानसून से पहले भी करें सफाई

डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि हमारे देश में दिवाली से पहले घरों की सफाई करने की परंपरा है जिसमें हम घरों का सारा बेकार सामान बाहर निकाल देते हैं और घर एवं आसपास की पूरी सफाई करते हैं। आज जरूरत इस बात की है कि हम मानसून से भी ठीक पहले इसी तरह की सफाई करें ताकि बारिश के पानी को घरों के आसपास जमा होने का मौका न मिले।

कुछ सुझाव

डेंगू को लेकर समुदाय के प्रयास का अर्थ ये है कि पूरा समाज डेंगू के बारे में चिंता करे। हर घर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह डेंगू के मच्‍छर से मुक्‍त है। यदि कोई आपको अपने घर आमंत्रित करे तो आपको ये पूछना चाहिए, ‘मुझे उम्‍मीद है कि आपका घर डेंगू से मुक्‍त होगा’। यदि आप किसी को आमंत्रित कर रहे हैं तो आपको आमंत्रण के साथ लिखना चाहिए, मेरे घर में आपका स्‍वागत है, ये घर डेंगू से मुक्‍त है।

हर सप्‍ताह घर की एक बार जांच करने की आदत बदलने की जरूरत है। अब हर दिन घर की जांच करने की आदत डालें। इसे अपनी दिनचर्या बनाएं। आप अपने घर की सफाई सप्‍ताह में एक दिन नहीं करते हैं तो ये भी सुनिश्चित करें कि डेंगू की जांच भी सप्‍ताह में एक दिन नहीं बल्कि रोज हो।  

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